मर तो इन्सान तब ही जाता है – Dard Bhari Shayari
ये कफ़न, ये कब्र, ये जनाज़े, सब रस्म ऐ दुनिया है दोस्त, मर तो इन्सान तब ही जाता है, जब याद करने वाला कोई ना हो !! ये जो मेरे दामन पर कजरारे छींटें हैं थोड़े-बहुत झाँक के देखो,तेरे गिरेबाँ से धूल कुछ उडी लगती है !! यूँ ही वो दे रहा है क़त्ल कि …